नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे केंद्र सरकार को वर्ष 2017-18 का आम बजट निर्धारित समय से पहले पेश करने से रोका जा सके। अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि वह कानून में इस तरह का कोई प्रावधान बताएं जिसके चलते सरकार को बजट समय से पहले पेश करने से रोका जा सके।
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सर्वोच्च न्यायालय ने कहा आम बजट पेश करने से केंद्र को कोई नहीं रोक सकता…
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर और न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता वकील एम.एल.श्मरा से कानून के उन प्रावधानों का उल्लेख करने को कहा जिससे केंद्र सरकार को एक फरवरी को बजट पेश करने से रोका जा सके।
खंडपीठ ने शर्मा को बताया, “हमने प्रावधान ढूढने की कोशिश की लेकिन हमें नहीं मिले।” पीठ ने याचिकाकर्ता से यह भी कहा कि कानून या संविधान के कौन से प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।
खंडपीठ ने प्रावधानों को ढूंढने के लिए शर्मा को 20 जनवरी तक का समय दिया ताकि एक फरवरी को बजट पेश करने से रोका जा सके।गौरतलब है कि सरकार इस बार आम बजट को फरवरी के अंत में पेश करने के बजाए एक फरवरी को पेश करने जा रही है।
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