लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने शुक्रवार को पं. गोबिन्द बल्लभ पंत, पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन में सजे दस दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव का द्वीप प्रज्वजित कर शुभारम्भ किया। दस दिन तक चलने वाली लगभग 15 प्रान्तों की सांस्कृतिक दल भाग ले रहे। राज्यपाल ने उत्तराखण्ड महापरिषद की ओर से दिये जाने वाले पर्वतगौरव के स मान से पद्मश्री चन्द्रप्रभा ऐतवाल को नवाजा।
उद्ïघाटन के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड महापरिषद द्वारा लखनऊ में उत्तराखण्ड महोत्सव के नाम से दस दिवसीय बृहद सांस्कृतिक दलों का संगम कराने हेतु बधाई दी और कहा कि उत्तराखंड की ही नही समूचे विश्व की सांस्कृतिक गतिविधियों को महोत्सव के माध्यम से जीवन्त रखने तथा अभिसिंचित करने हेतु धन्यवाद दिया। उत्तराखण्ड की संस्कृति विशेष स्थान रखती है।
राज्यपाल ने मु य प्रायोजक अनन्त निधि, जिसका मु य उदेश्य गरीब असहायों, बेकारों को सहयोग तथा प्रशिक्षण देकर रोजगार मुहैयया कराना है, उनके द्वारा महोत्सव स्थल पर निर्मित उत्तराखण्ड के मनोरम दृष्य सीड़ीनुमा खेत, खलिहान, काली मन्दिर, न्याय के देवता चितई गोलू मन्दिर तथा हिमालय की दुर्गम विश्ववि यात धार्मिक स्थल कैलाश मानसरोवर का अनुपम झांकियों की निर्माण की भूरी-2 प्रशसां की।
आज की संध्या के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का निर्देशन श्री जगत सिंह राणा व याति प्राप्त कलाकार जगत सिंह घपोला के सहयोग प्रसिद्ध ऐंकर महेन्द्र सिंह रावत ने सुन्दर संचालन किया। गणेश वन्दना…..(दैणा होया खोली का गणेषा, देणा हैया भुमि का भूमियॉ दैणा होया पंचनाम देवा हो) का निर्देशन अनुपमा श्रीवास्तव ने किया। ऑचल कला केन्द्र हल्द्वानी की सुन्दर प्रस्तुति नन्दा राजजात यात्रा, छपेली (लाली ओ लाली हौसियॉ) एवं गढ़वाली नृत्य(दन लागिदी) में कलाकार राकेश, राजू, पप्पू, अमित, कमलेश, रेनू, नीरू, नीलम एवं कल्पना की प्रस्तुति ने दर्शकों का मनमोह लिया।