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विश्वकप निशानेबाज़ी में पूजा ने जीता कांस्य, भारत का शुरूआत सकारात्मक

नई दिल्ली। पूजा घटकर ने शुक्रवार को यहां महिला 10 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता जिससे भारत ने अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ  विश्व कप में सकारात्मक शुरुआत की।

पूर्व एशियाई चैम्पियन 28 साल की पूजा फाइनल में 228.8 के स्कोर के साथ पोडियम में जगह बनाने में सफल रही और यहां डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में विश्व कप में अपना पहला पदक जीता।

चीन की मेंगयाओ शी ने 252.1 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीतते हुए स्पर्धा में नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। मेंगयाओ की हमवतन डोंग लिजी ने प्रतियोगिता के पहले दिन 248.9 अंक के साथ रजत पदक अपने नाम किया।

पिछले साल मामूली अंतर से रियो ओलंपिक कोटा हासिल करने में नाकाम रही पूजा ने फाइनल राउंड की शुरुआत 10.4 अंक के साथ की और कुछ मौकों पर चूकने के अलावा अच्छा स्कोर बनाया। वह पहले चरण के बाद 104.6 अंक के साथ दूसरे स्थान पर थीं। लिजी ने इस दौरान पूजा को कड़ी टक्कर दी जबकि मेंगयाओ ने शीर्ष पर बढ़त बरकरार रखी।

पूजा ने अपने 19वें और 21वें शॉट में क्रमश: 10.8 और 10.7 अंक के साथ कांस्य पदक पक्का किया। फाइनल के दौरान पूजा की बंदूक का ‘ब्लाइंडर’ भी गिर गया और उन्हें अंतिम कुछ शॉट आंख बंद करके लगाने पड़े। क्वॉलीफिकेशन में पूजा 418 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही थी जबकि मेंगयाओ ने 418.6 अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया था। लिजी ने 417.7 अंक जुटाए थे।

पूजा ने पदक का श्रेय मेंटर नारंग को दिया
पूजा घटकर ने आईएसएसएफ विश्व कप में जीतने कांस्य पदक का श्रेय अपने कोच और दिग्गज ओलंपियन गगन नारंग को दिया। अपने करियर का सबसे शानदार प्रदर्शन करने के बाद पूजा ने अपनी सफलता का श्रेय नारंग को देते हुए कहा कि उन्होंने उनके करियर को निखारने में बड़ी भूमिका निभाई। पूजा ने जब महिला 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता तब नारंग भी दर्शकों के बीच मौजूद थे।

पहली बार विश्व कप में पदक जीतने के बाद पूर्व एशियाई चैम्पियन पूजा ने पदक वितरण समारोह के दौरान कहा, ‘‘मैंने कोई योजना नहीं बनाई थी लेकिन गगन नारंग ने बड़ी भूमिका निभाई और मानसिक तथा तकनीकी रूप से मेरा समर्थन किया। मानसिक और तकनीकी रूप से उन्होंने मेरी काफी मदद की। कल (गुरुवार, 23 फरवरी) शाम हम बात कर रहे थे और उन्होंने मुझे जो भी बताया, उसका इस्तेमाल मैंने आज किया और इससे मदद मिली।’

काफी कम उम्र में पिता को गंवाने वाली पूजा ने फाइनल में 228 . 8 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया।
पूजा मामूली अंतर से रियो ओलंपिक के क्वालीफाई करने से चूक गयी थी और उन्होंने कहा कि इस टूर्नामेंट की घोषणा होने के बाद से उनकी नजरें इस पर टिकी थी। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल जब दिल्ली विश्व कप की घोषणा हुई थी तो मैंने इसमें पदक जीतने का सपना देखा था।’

इस दौरान मौजूद नारंग ने कहा कि पूजा ने कोचिंग देने के लिए उन्हें लगभग ‘ब्लैकमेल’ किया था। उन्होंने कहा, ‘उसने जब मुझसे पूछा था तो कोचिंग देने के लिए लगभग ब्लैकमेल किया था। मैंने देखा कि उसे अपने मैच जीतने में परेशानी हो रही है, वह क्वालीफिकेशन में अच्छा स्कोर कर रही है लेकिन प्रतियोगिता और फाइनल में नहीं। इसलिए हमने इसका हल निकालने की सोची, रणनीतिक रूप से हम इस बार काफी हद तक लक्ष्य पर रहे।’

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