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रोजगार मेला में नौकरी पाकर मुस्कुराए 3500 चेहरे

 

rrrलखनऊ। किसी को नियुक्ति पत्र मिले तो किसी को अगले मेले में नौकरी की उम्मीद जागी। मौका था स्किल इंडिया मिशन के तहत कॉल्विन ताल्लुकेदार्स में आयोजित रोजगार मेला का।

जहां मंगलवार को समापन के मौके पर 3500 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे गए।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि आज की दुनिया में नौकरियां पाने के लिए केवल औपचारिक शिक्षा ही जरूरी नहीं है।

यही कारण है कि प्रधानमंत्री के दिशानिर्देश पर लाखों बेरोजगार युवकों को रोजगारपरक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए व्यापक कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

साथ ही रोजगार मेलों का भी आयोजन किया जा रहा है। ताकि युवाओं को प्रशिक्षित करके उन्हें रोजगार मुहैया करवाया जा सका। उन्होंने कहा कि जो युवक विभिन्न रोजगापरक कौशल में औपचारिक प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं, वे इस कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ उठा सकते हैं। इस कार्यक्रम के तहत लड़कियों को ब्यूटीशियन सहित अन्य पाठ्यक्रमों की मदद से स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित किया जा रहा है।

प्रदेश के एक लाख युवाओं को जल्द मिलेगा रोजगार
राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन के तहत आयोजित होने वाले इस रोजगार मेले का लक्ष्य अधिक से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित किया जाना है।

इसके अलावा हाल ही में की गई रिसर्च के मुताबिक अलग-अलग जगहों पर एक लाख से अधिक ड्राइवरों की तुरंत आवश्यकता है। लेकिन इसके लिए इच्छुक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। ऐसे युवाओं को विभाग की ओर से प्रशिक्षित करते हुए रोजगार मुहैया करवाया जाएगा।

उन्होंने कहा कि जिन युवाओं को रोजगार मेले में नौकरी नहीं मिल पाई है। वे निराश न हो, जल्दी ही ऐसे दूसरे मेले का आयोजन करके उन्हें सूचित किया जाएगा। ताकि उन्हें नौकरी मुहैया करवाई जा सके।

उन्होंने कहा कि यह भी सराहनीय है कि यह पहला ऐसा रोजगार मेला है जो शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के निदेशक बिमल कुमार, स्वाका की सचिव गुंजन चौधरी सहित अन्य मौजूद रहे।

दूसरी भाषाओं का ज्ञान जरूरी

केंदीय कौशल विकास मंत्री ने कहा कि बच्चों को हिंदी के साथ ही अन्य भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। ऐसा करने से उन्हें तिगुनी तनख्वाह की नौकरी मिल सकती है। युवाओं को कामकाजी भाषा अंग्रेजी के अलावा विदेशी भाषाएं भी सीखनीं चाहिए।

प्रदेश के 72जिलों से आए अभ्यर्थी

लखनऊ के स्थानीय नौकरी आवेदकों के अलावा, हरदोई, उन्नाव, गोंडा, बहराइच, सीतापुर, प्रतापगढ़, सहित अन्य शहरों से तकरीबन बीस हजार युवाओं ने रोजगार मेले में शिरकत की। इसमें 3500को नियुक्ति पत्र मिले।
ख्वाबों को लगे पंख

मिश्रिख से आई रेशमा और रानी ने कहा कि दिव्यांग होने के चलते पढ़ाई करके घर बैठी थीं। इसी दौरान उन्होंने स्वाका से प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब उनके हाथों में नियुक्ति पत्र है।

यह देखकर यूं लग रहा है जैसे ख्वाबों को पंख लग गए हों। रेशमा ने बताया कि दस हजार की नौकरी मिली है। पहली तनख्वाह से गांव की दूसरी लड़कियों को प्रशिक्षण दूंगी। ताकि वे भी अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

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